यंग इंडिया, टोरंटो
कनाडा में डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। पिछले 3 दशक के दौरान अब तक की सबसे बड़ी इस हड़ताल से कनाडा में टैक्स फाइलिंग, पासपोर्ट और इमीग्रेशन के काम पर असर पड़ेगा। यह कर्मचारी सैलरी और वर्क फ्रॉम होम से जुड़े मुद्दे पर सरकार से नाराज हैं और सरकार से बातचीत फेल होने के बाद हड़ताल पर चले गए हैं। कनाडा में सरकारी काम से जुड़े करीब 35 प्रतिशत कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है। यह माना जा रहा है कि कर्मचारियों की हड़ताल से सरकार के कई काम प्रभावित होंगे इनमें टैक्स फाइलिंग, पासपोर्ट नवीनीकरण और इमीग्रेशन से जुड़े काम है। यही नहीं इसका असर वीजा फाइल क्लियर होने, एयरपोर्ट के कामकाज और सीमा पार आने-जाने पर भी पड़ेगा।कर्मचारियों की इस हड़ताल का असर कनाडा में आने वाले लोगों को भी पड़ेगा। इसका प्रभाव भारत में भी देखने को मिल सकता है खासतौर पर पंजाब इसे हर साल लाखों की गिनती में लोग कनाडा पढ़ने जाते हैं और इस समय मई और सितंबर इनटेक के लिए स्टडी विजा के लिए हजारों की गिनती में फाइलें लंबित हैं।
यह हड़ताल बुधवार को शुरू हुई है। यूनियन प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार से इन मुद्दों पर अनुबंध के लिए सभी रास्ते बनाए गए हैं लेकिन बात ना बनने पर हड़ताल के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा। हड़ताल के पक्ष में कर्मचारियों से पूरा समर्थन मिला है। सरकार ने हर 3 साल बाद 9 प्रतिशत वेजेस बढ़ाने का ऑफर दिया है लेकिन कर्मचारी इससे ज्यादा की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी यूनियन का तर्क है कि पिछले समय के दौरान महंगाई की दर काफी अधिक बढ़ी है और उसी के हिसाब से वेजेस में बढ़ोतरी होनी चाहिए। वही 30 अप्रैल को इनकम टैक्स फाइलिंग की की आखिरी तारीख है और कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने से इस पर सबसे अधिक असर पड़ सकता है।