यंग इंडिया चंडीगढ़
वयोवृद्ध अकाली नेता एवं पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार को निधन हो गया। वह कई दिनों से मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे और वही मंगलवार देर शाम उन्होंने अंतिम सांस ली। 1947 में राजनीतिक करियर शुरू करने वाले प्रकाश सिंह बादल का राजनीतिक जीवन करीब 76 साल का रहा। 1927 में जन्मे प्रकाश सिंह बादल ने 1947 में राजनीति मैं हाथ आजमाएं और सरपंच बने। वह पहली बार 1957 में शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर विधायक चुने गए थे। इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। एक बार केंद्रीय मंत्री और चार बार पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। उन्हें साल 2022 के अपने आखरी विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। वह 94 साल की उम्र में चुनाव मैदान में उतरे थे। शिरोमणि अकाली दल की राजनीति में वह सुप्रीमो माने जाते थे और उनके सभी राजनीतिक प्रतिद्वंदी एक-एक करके किनारे लगते गए और अकाली दल में प्रकाश सिंह बादल का एकछत्र राज हो गया था। इस समय उनके बेटे सुखबीर बादल शिरोमणि अकाली दल के प्रधान हैं और हाशिए पर आ चुके अकाली दल को दोबारा पटरी पर लाने की कोशिश में लगे हैं। शिरोमणि अकाली दल के भारतीय जनता पार्टी के साथ गहरे संबंध के पीछे भी प्रकाश सिंह बादल की ही राजनीति और सूझबूझ रही।