नई दिल्ली। त्योहारी सीजन से पहले हुई भारी बारिश ने ग्रामीण भारत की आर्थिक स्थिति को झटका दिया है। सितंबर 2025 में ग्रामीण उपभोक्ता धारणा सूचकांक (RCCI) में 11.6 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जो कोरोना महामारी के बाद की सबसे बड़ी कमी मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ है, जिससे किसानों की आय घटी और ग्रामीण बाजारों में खर्च करने की क्षमता पर असर पड़ा है। ग्रामीण परिवारों ने त्योहारों के लिए घरेलू सामान, कपड़े और सजावटी वस्तुओं की खरीद में कटौती की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में स्थिति सबसे खराब रही। ग्रामीण परिवारों ने बताया कि इस बार वे केवल आवश्यक वस्तुओं की ही खरीद कर पाएंगे।
आय में कमी और खर्चों में कटौती
सितंबर महीने में ग्रामीण खर्च 35.5 प्रतिशत से घटकर 31.1 प्रतिशत पर पहुंच गया। यह स्पष्ट संकेत है कि बाजार में मांग कमजोर पड़ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, जब तक ग्रामीण आय नहीं बढ़ती, तब तक उपभोक्ता धारणा में सुधार की संभावना कम है।
उपभोक्ता धारणा में भारी गिरावट
अगस्त में जहां धारणा सूचकांक 119.53 था, वहीं सितंबर में यह घटकर 111.6 पर पहुंच गया। यह लगातार चौथा महीना है जब सूचकांक में गिरावट दर्ज की गई।
ग्रामीण उपभोक्ताओं में बढ़ रहा निराशावाद
मौजूदा आर्थिक स्थिति को लेकर उपभोक्ताओं में निराशा बढ़ी है। बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और बारिश से हुए नुकसान ने ग्रामीण परिवारों की त्योहारी खरीदारी की योजनाओं को प्रभावित किया है।
📊 दिसंबर के बाद सबसे निचला सूचकांक
महीना | सूचकांक |
---|---|
दिसंबर 2024 | 120.95 |
जनवरी | 119.70 |
फरवरी | 117.40 |
मार्च | 114.86 |
अप्रैल | 111.60 |