नई दिल्ली। देश के बच्चों में पोषण संबंधी कमियों को लेकर चिंताजनक रिपोर्ट सामने आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 10 से 14 वर्ष के बच्चों में विटामिन-डी और जिंक की कमी तेजी से बढ़ रही है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 24 प्रतिशत किशोरों में विटामिन-डी की कमी दर्ज की गई है, जबकि 18 प्रतिशत बच्चों में जिंक का स्तर सामान्य से कम पाया गया है। यह स्थिति बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता और समग्र विकास के लिए गंभीर खतरा है।
🧬 क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य के प्रकाश की कमी, गलत खानपान, और फास्ट फूड की बढ़ती प्रवृत्ति से बच्चों में विटामिन-डी और जिंक की कमी बढ़ी है।
डॉक्टरों के अनुसार, विटामिन-डी शरीर में कैल्शियम अवशोषण में मदद करता है, जबकि जिंक बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
🥛 समाधान क्या है
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बच्चों को रोजाना कम से कम 20 मिनट धूप में रखा जाए।
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दूध, दही, अंडा, मछली, बादाम और बीज जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार शामिल किया जाए।
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जरूरत पड़ने पर चिकित्सक की सलाह से सप्लीमेंट्स दिए जाएं।
📉 चौंकाने वाले आंकड़े
रिपोर्ट के मुताबिक, 5 से 9 वर्ष के बच्चों में 14% को विटामिन-डी की कमी है, जबकि 10 से 19 वर्ष के 24% किशोरों में यह गंभीर स्तर तक पहुंच चुकी है।
इससे पहले भी कई अध्ययनों में भारतीय बच्चों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की भारी कमी की पुष्टि की जा चुकी है।