नई दिल्ली। इस वर्ष देश की अर्थव्यवस्था को त्योहारी सीजन (Festival Season) से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। अनुमान है कि अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच भारतीय उपभोक्ता लगभग 14 लाख करोड़ रुपये तक खर्च करेंगे।
यह खर्च पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 14% अधिक रहेगा। मुख्य रूप से शादी-विवाह, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और घरेलू सामान की बिक्री में उछाल देखने को मिलेगा।
💰 भारी खर्च के पीछे कारण
आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार लोगों की आमदनी बढ़ी है और कोविड के बाद से लोगों ने बचत भी की है। साथ ही, शादियों का सीजन होने से बाजारों में रौनक लौट आई है।
ऑटो, ज्वेलरी, फैशन, होटल और रेस्टोरेंट सेक्टर में रिकॉर्ड बिक्री की उम्मीद जताई जा रही है।
🛍️ इन सेक्टरों में होगी सबसे ज्यादा बिक्री
त्योहारी सीजन में सबसे अधिक खर्च शादी-ब्याह, कपड़ों, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहनों पर किया जाएगा।
फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स ऑर्गनाइजेशन (FRTWA) के अनुसार, कुल त्योहारी खर्च का लगभग 70% हिस्सा इन्हीं क्षेत्रों से आएगा।
📈 इन पर इतना खर्च होने का अनुमान
| श्रेणी | अनुमानित खर्च (रुपये में) |
|---|---|
| शादियां | 4,50,000 – 5,00,000 करोड़ |
| कपड़ा-गहना-ब्यूटी प्रोडक्ट्स | 2,80,000 – 3,00,000 करोड़ |
| इलेक्ट्रॉनिक्स | 1,00,000 – 1,20,000 करोड़ |
| ऑटो व वाहन | 60,000 – 70,000 करोड़ |
| मिठाई व खाद्य सामग्री | 40,000 – 45,000 करोड़ |
| घरेलू सजावट व उपहार | 15,000 – 20,000 करोड़ |
| ऑनलाइन शॉपिंग | 10,000 – 12,000 करोड़ |
💡 खर्च का असर क्या होगा
त्योहारी खर्च में यह बढ़ोतरी भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी। खुदरा व्यापार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि बढ़ती बिक्री से अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में GDP ग्रोथ को भी बढ़ावा मिलेगा।



