जालंधर। जालंधर के चौगिट्टी चौक के पास बने अंबेडकर नगर में आज अफरातफरी छाई हुई है। यहां की महिलाएं रो रही हैं, बच्चे और बुज़ुर्ग सहमे हुए हैं — वजह यह कि पावरकॉम ने इस बस्ती के लगभग 800 घरों को गिराने के लिए 24 घंटे का नोटिस दे दिया है। आज कोर्ट में पावरकॉम के अधिकारी जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंचने वाले हैं, जिसका तनाव पूरा मोहल्ला महसूस कर रहा है।
चौगिट्टी से लद्देवाली फ्लाईओवर के ठीक नीचे फैला यह इलाका संकरी सड़कों और घरों से भरा है। पावरकॉम का दावा है कि इस पर उनकी 65 एकड़ जमीन है और लोग अवैध रूप से कब्जा किए हुए हैं। पर यहां के लोगों की पीढ़ियों की यादें, ईंट-से-ईंट कर के बने घर और रोज़मर्रा की जिंदगी दांव पर लगी हुई है।
यहां के निवासी ने बताया कि मामला 1986 से बिजली बोर्ड के साथ मामला चल रहा है और वे दो बार केस जीत चुके हैं। “मैंने यहाँ पचास साल गुज़ारे हैं, मेरी चौथी पीढ़ी यहाँ पल रही है। एक-एक ईंट जोड़कर घर बनाये हैं — अब कहां जाएंगे?” सुरजन की आवाज़ में भय सा था, और उनकी यही गुहार— भगवंत मान सरकार से उन्हें बचाया जाए।
स्थानीय लोग याद दिलाते हैं कि इस मोहल्ले में मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च भी बने हैं — जिनका उद्घाटन शहर के नेताओं ने किया था। सुरजन का सवाल सीधा है: “जब इन धार्मिक स्थानों के उद्घाटन में कोई आपत्ति नहीं थी, तब कैसे पता नहीं चला कि यह जमीन पावरकॉम की है? अब अचानक हमसे घर खाली करवा देना सही नहीं है।”
महिलाओं की पीड़ा नाज़ुक थी — उनका कहना है कि हम अपने घर नहीं छोड़ सकते। हमारे बच्चे यहीं पैदा हुए, यहीं पढ़े। हमारी छोटी-छोटी बचत यही खर्च हुई है। सरकार चाहे तो हमें मार दे, पर घर से नहीं निकाल सकती।” यही भाव पूरे मोहल्ले में गूंज रहा है — भय, असमंजस और असहायपन।
कई परिवारों ने कहा कि उन्हें किसी नोटिस की आधिकारिक कॉपी नहीं मिली; केवल अफसर आए और कहकर चले गए कि घर खाली कर दो। अब जनता की उम्मीद है कि प्रशासन स्थिति की संवेदनशीलता समझकर तत्काल हस्तक्षेप करे और परिवारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था या न्यायसंगत समाधान निकाले।



