NewYork।अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया के आर्थिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है। शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने चीन से आने वाले सभी आयात पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह कदम अमेरिका की “आर्थिक स्वतंत्रता” को मजबूत करने और “घरेलू उद्योगों की रक्षा” के लिए जरूरी है।
🔹 ट्रंप का बयान — “अमेरिका का पैसा अब चीन नहीं जाएगा”
वॉशिंगटन में आयोजित एक जनसभा में ट्रंप ने कहा,
“अब समय आ गया है कि अमेरिका अपने उद्योगों को खुद खड़ा करे। दशकों से चीन ने हमारे बाजारों का फायदा उठाया है, अब ये खेल खत्म होगा।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य चीन के साथ व्यापार खत्म करना नहीं है, बल्कि उसे संतुलित करना है। उन्होंने दावा किया कि पिछले कई सालों में चीन ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है, और अब “100% अतिरिक्त टैरिफ” इस असंतुलन को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।
🔹 कौन-कौन से उत्पाद होंगे प्रभावित
अमेरिकी वाणिज्य विभाग के अनुसार, यह नया टैरिफ विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो पार्ट्स, स्टील, सोलर पैनल, और उपभोक्ता वस्तुओं पर लागू होगा।
इससे चीन से आयात होने वाले उत्पादों की कीमतें अमेरिका में लगभग दो गुना तक बढ़ सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह निर्णय अमेरिकी बाजार में महंगाई बढ़ा सकता है, लेकिन साथ ही घरेलू उत्पादन को बढ़ावा भी देगा।
🔹 चीन की प्रतिक्रिया – “यह आर्थिक युद्ध का संकेत”
ट्रंप के इस कदम पर चीन की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे “अनुचित और खतरनाक निर्णय” बताया।
उन्होंने कहा,
“अमेरिका अपने राजनीतिक हितों के लिए वैश्विक व्यापार प्रणाली को नुकसान पहुंचा रहा है। चीन इस फैसले का जवाब देने के लिए तैयार है।”
संकेत मिल रहे हैं कि चीन जल्द ही अमेरिकी कृषि उत्पादों और टेक्नोलॉजी कंपनियों पर जवाबी टैरिफ लगा सकता है।
🔹 विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह फैसला अल्पकाल में उपभोक्ताओं पर बोझ डाल सकता है, लेकिन दीर्घकाल में इसका लाभ अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मिलेगा।
प्रोफेसर एंड्रयू मिलर, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग से जुड़े विशेषज्ञ ने कहा –
“ट्रंप की नीति ‘मेड इन अमेरिका’ की सोच को मजबूत करती है। हालांकि, इससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तनाव बढ़ना तय है।”
🔹 अमेरिकी राजनीति पर असर
यह कदम ट्रंप की आगामी 2026 राष्ट्रपति चुनाव मुहिम के लिए भी एक मजबूत आर्थिक संदेश माना जा रहा है।
उन्होंने इसे “अमेरिका फर्स्ट 2.0” नीति का हिस्सा बताया और कहा कि “अगर हम फिर से सत्ता में आए, तो हर अमेरिकी फैक्ट्री दोबारा जगेगी।”
ट्रंप का यह बयान उनके समर्थकों में जोश भर रहा है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि इससे वैश्विक सप्लाई चेन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
🔹 भारत और अन्य देशों पर असर
विश्लेषकों के अनुसार, ट्रंप के इस फैसले से भारत, वियतनाम, और मेक्सिको जैसे देशों को लाभ मिल सकता है, क्योंकि अमेरिकी कंपनियां अब चीन के बजाय इन देशों में उत्पादन बढ़ा सकती हैं।
इससे भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को नए अवसर मिल सकते हैं।



