चंडीगढ़। अगर आपके घर में सोने की ज्वेलरी (Gold Jewellery) है, तो यह खबर आपके लिए बहुत राहत भरी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ (CBDT) ने साफ कर दिया है कि आयकर विभाग किसी भी परिवार के घर में रखे गए एक निश्चित मात्रा तक के सोने को जब्त नहीं कर सकता, भले ही आपके पास उसकी खरीदारी की रसीदें न हों।
🟡 कितना सोना रख सकते हैं बिना दस्तावेज़ के
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शादीशुदा महिलाएं: 500 ग्राम तक
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अविवाहित महिलाएं: 250 ग्राम तक
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पुरुष (किसी भी वैवाहिक स्थिति में): 100 ग्राम तक
इस सीमा के अंदर रखी गई ज्वेलरी कर विभाग जब्त नहीं कर सकता, चाहे आपके पास खरीद के दस्तावेज़ हों या नहीं।
⚖️ सीमा से ज्यादा सोना गैरकानूनी नहीं, लेकिन सबूत जरूरी
अगर आपके पास इससे ज्यादा सोना है, तो यह अवैध नहीं है। लेकिन इनकम टैक्स की जांच के दौरान आपको सोने का स्रोत बताना होगा — जैसे खरीद की रसीद, विरासत के दस्तावेज़, या गिफ्ट डीड।
अगर अधिकारियों को आपके स्पष्टीकरण पर भरोसा नहीं हुआ या आय प्रोफाइल से मेल नहीं खाया, तो वे अतिरिक्त ज्वेलरी को अस्थायी रूप से जब्त कर सकते हैं।
📜 क्यों बनाए गए ये नियम
CBDT ने यह नियम 1994 के सर्कुलर में तय किए थे ताकि आयकर छापों के दौरान मनमानी जब्ती न हो।
भारत में सोना सिर्फ संपत्ति नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है — खासकर महिलाओं के लिए। इसलिए यह नियम भावनात्मक और सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए बनाया गया था।
💰 सोना बेचने पर क्या टैक्स लगता है?
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सिर्फ सोना रखने पर कोई टैक्स नहीं लगता।
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अगर 2 साल के अंदर बेचते हैं, तो शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन के रूप में आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा।
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अगर 2 साल से ज्यादा समय बाद बेचते हैं, तो 12.5% लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।



