नई दिल्ली। भारतीय सेना की ताकत में एक और बड़ा इजाफा होने जा रहा है। आज रक्षा मंत्रालय ने दो अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं — एक नई मिसाइल प्रणाली के लिए और दूसरा रात में सटीक निशाना साधने की क्षमता (Night Sight) बढ़ाने के लिए।
🎯 पहला समझौता — नई मिसाइल प्रणाली से आकाश में दुश्मनों पर वार
भारतीय सेना की कॉर्प्स ऑफ आर्मी एयर डिफेंस ने ब्रिटिश कंपनी Thales UK के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत सेना को लाइट वेट मॉड्यूलर मिसाइल (LMM) सिस्टम मिलेगा, जिसकी कीमत लगभग 350 मिलियन पाउंड (करीब ₹3,700 करोड़) है।
यह मिसाइल प्रणाली Operation Sindoor के बाद खरीदी जा रही है, जिसका उद्देश्य उच्च मूल्य वाले ड्रोन और UAVs (Unmanned Aerial Vehicles) का पता लगाकर उन्हें नष्ट करना है।
इससे भारत की एयर डिफेंस सिस्टम को और अधिक मजबूती मिलेगी और सीमा सुरक्षा और हवाई निगरानी में बड़ा सुधार होगा।
🌙 दूसरा समझौता — ‘नाइट साइट्स’ से रात में बढ़ेगी सटीकता
रक्षा मंत्रालय ने दूसरा समझौता ₹659.47 करोड़ का किया है, जिसके तहत सेना की 7.62x51mm SIG 716 असॉल्ट राइफलों के लिए उन्नत नाइट साइट्स खरीदी जाएंगी।
इन नाइट साइट्स की मदद से सैनिक अब रात में भी 500 मीटर तक के लक्ष्य पर सटीक निशाना साध सकेंगे, वह भी केवल तारों की रोशनी में।
यह नई तकनीक मौजूदा Passive Night Sights (PNS) की तुलना में काफी ज्यादा उन्नत है।
मंत्रालय के मुताबिक, ये नाइट साइट्स सैनिकों को अपनी राइफल की पूरी रेंज क्षमता का लाभ उठाने में सक्षम बनाएंगी, खासतौर पर लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर, जहां रात में घुसपैठ की घटनाएं ज्यादा होती हैं।
🛠️ आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस सौदे में 51% से अधिक स्वदेशी सामग्री (indigenous content) का उपयोग किया जाएगा।
यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ (Aatmanirbhar Bharat) की दिशा में एक और मजबूत पहल है।
इससे MSME सेक्टर को भी बड़ा लाभ मिलेगा, क्योंकि वे इन उपकरणों के पुर्जे और कच्चा माल उपलब्ध कराएंगे।
🇮🇳 भारत की रक्षा क्षमता में ऐतिहासिक वृद्धि
इन दोनों अनुबंधों के साथ, भारत ने यह साफ संकेत दिया है कि वह रक्षा क्षेत्र में तकनीकी आत्मनिर्भरता और रणनीतिक मजबूती की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
नई मिसाइल प्रणाली से आसमान में निगरानी और दुश्मनों पर त्वरित वार संभव होगा, वहीं नाइट साइट्स से सीमाओं पर रात के ऑपरेशनों की सटीकता कई गुना बढ़ जाएगी।



