जालंधर। शहर में ट्रैफिक पुलिस की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मामला सीविल लाइन के पास का है, जहां गलत पार्किंग के चलते एक वाहन को पुलिस द्वारा टो कर लिया गया। गाड़ी मालिक दीपक कोहली का आरोप है कि पुलिस ने ₹1150 का जुर्माना बताया, लेकिन उन्हें केवल ₹500 की रसीद दी गई।
दीपक ने बताया कि वह किसी काम से सीविल लाइन के प्लाजा चौक के पास गए थे। जब वापस लौटे तो देखा कि उनकी कार वहां नहीं थी। बाद में पता चला कि ट्रैफिक पुलिस ने वाहन को लाइन में खड़ा कर दिया है। जब उन्होंने जुर्माने की रसीद मांगी, तो उनसे ₹1150 की मांग की गई, पर रसीद मात्र ₹500 की दी गई — जिसमें ₹650 रुपये टोइंग चार्ज लिखा गया था। इस तरह से शहर में रोज़ाना क़रीब पचास गाड़ियां टो की जाती है और अगर इस हिसाब से देखा जाए तो महीने के 50, हज़ार और साल का क़रीब 17 लाख रुपया बनता है जो किसकी जेब में जा रहा है पता ही नहीं ?
इस मामले ने लोगों में आक्रोश फैला दिया है। दीपक ने शिकायत को एसीपी ट्रैफिक महेंद्र कुमार और सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराया है। शहरवासियों ने आरोप लगाया है कि इस तरह के मामलों में लोगों से ज़्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं, जबकि रसीद में कम रकम दर्शाई जाती है।
ट्रैफिक विभाग का कहना है कि यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शहर में रोज़ाना लगभग 50 गाड़ियां टो की जाती हैं, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है।



